कार्यकारी निर्देश
शिक्षा इनिशियटिव अपने लक्ष्य अशिक्षा उन्मूलन के तहत ऊपर दिये तीन विशिष्ट चरणों के द्वारा विद्यार्थियों को कक्षा में प्रभावी रूप में शिक्षा प्रदान करने की ओर प्रयासरत है:
1. Teaching
i. शिक्षण- साधारण तकनीकि, टीचिंग ऐड एवं आपसी संवाद द्वारा एक उच्च गुणवत्ता वाला पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए तैयार किया जाता है| शिक्षक शिक्षा इनिशियटिव द्वारा निर्धारित टीचिंग प्लान और लेसन प्लान का पालन भी करते हैं|
2. Querying
iii. संवर्धन – अध्यापक अधिगम की कमी को वर्कशीट और जांच के द्वारा पता लगाने की कोशिश करते हैं, जिसे संवर्धन के दौरान दूर किया जा सकता है| पाक्षिक संवर्धन सत्र आयोजित किए जाते हैं जिसके तहत खेल- खेल के साथ और विभिन्न गतिविधि के साथ अलग अलग सीखने की प्रतिक्रिया के लिए एक नियमावली ( मेन्युवल) तैयार की गयी है| जो विभिन्न गतिविधियों के द्वारा और अधिगम स्तर को प्राप्त करने के उद्देश्य से संवर्धन सत्र को संबोधित करती है|
3. Augmentation
ii. जांच करना –अध्ययन के दौरान विद्यार्थियों को दिये जा रहे अधिगम की जांच कम्प्युटर द्वारा प्रश्नौतरी के माध्यम से करते रहते हैं| जो आगे जा कर शिक्षा इनिशियटिव द्वारा तैयार किए बेसलाइन- एंडलाइन के दौरान पुनः सत्यापित हो जाती हैं| इसी कड़ी में अध्ययन और अध्यापन को सहज बनाने के लिए अध्यापकों को टीचिंग प्लान उपलब्ध कराया जाता है| जो विभिन्न प्रकार के रचनात्मक जाँचों को करने में सहयोगी होते है|
शिक्षण | जाँच करना | आवर्धन/ संवर्धन |
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राज्य स्तर पर मौजूदा शिक्षकों की सीमा के अनुरूप पाठ/ पाठ्यक्रम की योजना | व्यापक एवं लगातार मूल्यांकन पर निर्धारित | विद्यार्थियों का चयन उनकी अनुपस्थिति एवं प्रदर्शन के अनुरूप |
विद्यार्थियों के लिए विडियो आधारित मानकीकृत पाठ्यक्रम | विद्यार्थियों का मूल्यांकन उनके प्रदर्शन प्रबंधन के अनुरूप | कक्षा के शिक्षकों द्वारा सम्पन्न किया जाता है ताकि शिक्षण के तरीकों से पहचान बनी रहे/ कायम रहे |
विडियो की गतिविधियों और अभ्यास से विद्यार्थियों की सहभागिता में बढ़त होती है | जहां तक संभव हो वहाँ के मूल्यांकन टैब्लेट उपकरण पर कराने का प्रयास किया जाता है ताकि प्रक्रिया की सत्यता बनी रहे| | आवर्धन के पूर्व मूल्यांकन द्वारा असरदार प्रतिपादन |
कक्षा के उपरांत विद्यार्थियों के फीडबैक की व्यवस्था |